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गुरुवार, मार्च 25, 2021

खेल खिलौना 

वो बैठी है
मेरे गोद में । 
उसे खेलना है
मेरे उँगलियों से। 
मैंने अंगूठे को हिलाया
उसे वो कसकर पकड़ ली ।
कनिष्ठा को देख हँस पड़ी
और अनामिका को अपने नन्हें मुट्ठी से जकड़ ली। 
मुझे देखकर
तर्जनी को हल्के से पकड़ी
फिर जोर से हँसी
और तभी मध्यमा की ओर झपटी ।
मुँह की लार ग्रंथिओं से भिगो दी
और फिर गोद से उछल पड़ी ।

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