फ़ॉलोअर

शुक्रवार, दिसंबर 15, 2023

धुंध

परिचित

अपरिचित

व्यक्तित्व में धुंध है ।

समृद्ध

दीन 

पहनावे में धुंध है । 

सामाजिक 

असामाजिक 

सोच में धुंध है । 

एक क्षितिज से दूसरे क्षितिज तक 

धुंध ही धुंध है ।

धुंध ही अब जीवन है ।