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शुक्रवार, मार्च 26, 2021

 उसकी आँखों से


कुछ अनदेखा नहीं
अपने बच्चागाड़ी में बैठकर
छोटे, बड़े, काले, गोरे, हर नस्ल के कुत्तों को देखना
उसे अपनी आवाज में बुलाना या भगाना ।
बच्चों का खेलना
उसका साईकल चलाना ।
घने और छायादार पेड़ों को गौर से निहारना
लहलहाते पत्तों को टकटकी लगाकर देखना ।
पक्षियों का कलरव भी उसे आतुर करती है।
रास्ते पर धूप के कारण बने अलग अलग आकार 
चाहे वो मम्मी पापा के शरीर के हो
या फिर छोटे-छोटे पेड़ों की
या किसी लैंप पोस्ट की
या फिर डस्टबीन की
या कोई स्कूटर की
हर आकृति उसके लिए अनोखा और अजूबा है।
रास्ते पर पड़े सूखे पत्तों से लेकर
पेड़ों की लंबाई भी उसे काफी भाता है।
पार्क में बच्चों का खेलना
बड़े बुजुर्गों का पुचकारना 
हमउम्र के बच्चों को घूरना
सरकारी आवासीय कैम्पस से 
वह काफी वाकिफ हो चुकी 
इस छोटे से उम्र में ।