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सोमवार, जुलाई 05, 2021

 

पताका

वह क्या है जो हवा में लहरा रहा है?

सिर्फ एक कपड़े का टुकड़ा ही तो है

जो एक राष्ट्र को घुटनों पर ला सकता है।

 

वह क्या है जो खम्बे से लहरा रहा है?

सिर्फ एक कपड़े का टुकड़ा ही तो है

जो आदमी के साहस का प्रतीक है ।

 

वह क्या है जो छावनी के ऊपर है ?

सिर्फ एक कपड़े का टुकड़ा ही तो है

जो एक डरपोक को भी हिम्मत दे रहा है ।

 

वह क्या है जो खेतों से होते हुए उड़ रहा है ?

सिर्फ एक कपड़े का टुकड़ा ही तो है

जो बहते हुए खून को भी रोक देगा ।

 

मैं ऐसे कपड़े के टुकड़े को कैसे रख सकता हूँ ?

मेरे मित्र, मुझे तो सिर्फ एक झण्डा चाहिए ।

अंत तक, अपने अंतःकरण को बचाकर रखने के लिए । 

( John Agard की कविता 'फ्लैग' का हिन्दी अनुवाद, मूल कविता निम्न रूप में है । )