बिटिया
उठती है सूरज के किरणों के साथ
हाथ हिलाती है
पैर फैलाती है
फिर पलटती है
और सुबह सुबह
हाथ हिलाती है
पैर फैलाती है
फिर पलटती है
और सुबह सुबह
हमें हँसाती है।
जैसे तैसे बारी बारी से पापा मम्मी काम निपटाते हैं।
सुबह की मालिश के बाद
सो जाती है।
उठती है फिर कुछ खाती है
खाने के लिए
पापा को खूब नचाती है।
माँ की गोद से लटकती है
और नाच देख मंद मंद मुस्काती है।
प्यार से नहाती है
पर कपड़े नहीं पहनने के लिए बहुत हाथ पैर हिलाती है।
मुँह में कुछ मिल जाए चबाने को
फिर बेहद खुश हो जाती है।
पर, पल भर में जोर जोर से चिल्लाती है।
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