साहित्य का मुरीद हूँ ...कुछ लिखना चाहता हूँ ... बहुत कुछ पढ़ना अभी बाकी है ...
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शुक्रवार, अप्रैल 22, 2011
आज हमारे आस पास जो भी अच्छा बुरा है उसे हम खुले आखों से केवल देखते है मगर उसे और भी अलग और रचनात्मक दृष्टि से देखा जा सकता है उसके लिए आपको साहित्य में एक बार तो झांकना ही पड़ेगा ताकि कुछ और अनोखा और नया समाज के लिए तैयार हो सके...