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रविवार, जुलाई 10, 2011

बारिश से डरता नहीं था मैं

बारिश से डरता नहीं था मैं
मगर इस बार 
इस बारिश ने मुझे भिगोया
कभी दाहिने कंधे को
कभी बाएं कंधे को
कभी दाहिने पैर को
तो कभी बाएं...
हर बार एक भीगा एहसास 
मुझे कुछ याद दिलाता
कि मेरे सिर पर एक छाता है 
खरीदने से पहले मैंने 
गलती की, मैं भूल गया पूछना की 
क्या ये बारिश में मुझे बचाएगा ?
और अंत में 
छाते ने अपना वादा नहीं निभाया |

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