मेरा प्रेम फूल नहीं,
सुगंध है...
हर रोज जिसे मै देखता नहीं
महसूस करता हूँ ,
वो मेरे साथ नहीं, मेरे पास नहीं
क्योंकि, मेरा प्रेम फूल नहीं सुगंध है
जब भी उपवन से गुजरता हूँ
उसे पाता ही नहीं
फूल तो बहुत है
पर भाता ही नहीं
क्योंकि, दीवार है उन पेड़ों के इर्द-गिर्द
जिनपर मेरे हाथ
पहुँचते नहीं ,क्योंकि ...
मेरा प्रेम फूल नहीं सुगंध है...
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