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शनिवार, दिसंबर 04, 2010

अर्थपूर्ण आवाज़

बिना मतलब के शोर करने वाले लोग मुझसे दूर रहें, 
क्योंकि मै इस ''भीड़'' में हूँ जरुर
मगर एक बात
हाँ, एक बात
मै दिल और दिमाग
जी नहीं-
केवल दिमाग के आवाज़ से साफ़ कर देना चाहता हूँ
कि,  मै इस ''भीड़'' के साथ नहीं
मेरी आवाज़ शायद आपको सुनाई  न दे,
और न ही समझ में आए ?


लेकिन ,अपने आस पास के बेमत्लाबी शोर से उभरकर,
 उससे निकलकर मुझे सुने,
मै समझ में आऊंगा,
और तब आपकी भीड़ भी अर्थपूर्ण बनेगी...

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