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बुधवार, अगस्त 11, 2021

बिटिया 

हमारी बेटी
एक साल की हो गई है।
बहुत कुछ सीख रही है,
बहुत कुछ सीखना अब भी बाकी है।
एक चीज है,
जो बहुत ज्यादा प्यारा लगता है,
उसका जोर से 'पापा' कहना ।
अक्सर पापा..पा.. पपप.. की माला जपती है,
लेकिन दुःख और तकलीफ में
सिर्फ माँ.. मा... मम्म.. ममम... की आवाज गूँजती है।
घुटनों के बल ऐसे चलती है जैसे उड़ रही हो ।
कौवे के साथ जुगलबंदी करती है
और डॉगी को डाँटती है।
गाड़ी में बैठती नहीं और
गोद में रहती नहीं,
हर वक़्त उसे खेलना है 
अपने पसंद के कोने में ,
चाहे वो दरवाजे का पायदान हो या फिर
किचन का कोई किनारा ।
खिलौने आस पास छीटकर
फिर भागती है।

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